केवल संविधान लागू होने का मतलब ही गणतंत्र नहीं है
◆ 15 आगस्त 1947 ◆ 26 नवम्बर 1949 ◆ 26 जनवरी 1950

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का गौरवपूर्ण इतिहास आप सभी ने निश्चित रूप से पड़ा होगा और इस इतिहास के अंतर्गत कही न कही आपने भारत स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा भारत को डोमिनियन स्टेट बनाए जाने की मांग के बारे में भी जरूर पढ़ा होगा ।क्या आप यह जानते हैं कि डोमिनियन स्टेट क्या होता है और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी क्यों बार-बार भारत को डोमिनियन स्टेट बनाए जाने की मांग दोहरा रहे थे,जिसे अंग्रेज सरकार बार-बार ठुकरा रही थी ।
दिसंबर 1929 में रावी नदी के किनारे प.जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन के दौरान भारत में डोमिनियन स्टेट के बजाय अब पूर्ण स्वराज्य का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसके अतिरिक्त 26 जनवरी 1930 को प्रथम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाये जाने का भी निश्चित किया। 26 जनवरी के ऐतिहासिक महत्व को मध्य नजर रखते हुए संविधान का निर्माण 26 नवंबर 1949 को पूर्ण हो जाने के बावजूद भी इसे 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
- डोमिनियन स्टेट क्या होता है
डोमिनियन स्टेट का तात्पर्य होता है कि एक राज्य अपने आंतरिक मामलों जैसे विधायी शक्तियों ,कार्यपालिका शक्तियों ,न्यायिक कार्यों तथा आंतरिक प्रशासन का संचालन सैनिक मामले और विदेशी मामलों, जैसे विदेश नीति का निर्धारण के संबंध में पूर्णतया स्वतंत्र होता है लेकिन देश का मुखिया जिसे राज्याध्यक्ष कहा जाता है । वह नाम मात्र के रूप से ही सही लेकिन उस औपनिवेशिक शक्ति का मुखिया/सम्राट होता है।
उदाहरण के रूप में जब 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता बीके साथ ही भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा मिला तो वह अपने सभी आंतरिक और बाहरी मामलों में स्वतंत्रता हो गया लेकिन भारत का राज्याध्यक्ष राष्ट्रपति ना होकर ब्रिटेन का सम्राट ही माना गया था भले ही नाममात्र का ही सही। कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, न्यूफाउण्डलैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, और आयरिश फ्री स्टेट आदि डोमिनियन हैं।
- भारत कब बना डोमिनियन स्टेटस
एटली घोषणा 1947 में ब्रिटेन का तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने घोषणा करते हुए गैस स्पष्ट रूप से कहा गया था कि भारत को 1948 से पूर्व सत्ता सौंप दी जाएगी लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बनी कि इससे पूर्व ही भारत को स्वतंत्र करना पड़ा। इसके लिए ब्रिटिश संसद के द्वारा भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 पारित किया जिस पर 18 जुलाई 1947 को सम्राट के द्वारा हस्ताक्षर हुए । इस एक्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि यह अधिनियम 15 अगस्त 1947 को लागू हो जाएगा यानी कि भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत् होने के साथ ही इसे डोमिनियन स्टेट का दर्जा भी प्राप्त हो गया ।
- डोमिनियन स्टेट का दर्जा प्राप्त होने के बाद भारत
डोमिनियन स्टेट का दर्जा प्राप्त होने के बाद भारत में वायसराय का पद समाप्त हो गया लेकिन गवर्नर जनरल का पद का अस्तित्व बना रहा । भारतीय गवर्नर जनरल की नियुक्ति सम्राट द्वारा ही किए जाने का प्रावधान था क्योंकि डोमिनियन स्टेट प्राप्त होने के कारण अभी भी भारत का राज्य अध्यक्ष राष्ट्रपति ना होकर ब्रिटेन का सम्राट ही था उसे यह दर्जा प्राप्त था लेकिन ध्यान देने योग्य बात है कि गवर्नर जनरल की नियुक्ति वह अपनी इच्छा से नहीं बल्कि भारत सरकार के परामर्श पर नियुक्त करता है ।
भारतीय केबिनेट के परामर्श पर ही 15 अगस्त 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया था। जब उन्होंने 21 जून 1948 यह पद छोडा तब भारत सरकार के परामर्श पर ही 21 जून 1948 को ब्रिटिश सम्राट ने प्रथम भारतीय सी.राजगोपालाचारी को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया था । सी राजगोपालाचारी 25 जनवरी 1950 तक इस पद पर रहे ।
- संविधान लागू होने का तात्पर्य ही गणतंत्र नहीं है
15 अगस्त 1947 से लेकर 25 जनवरी 1950 तक यानी कि संविधान लागू होने से एक दिन पूर्व तक भारत को एक डोमिनियन स्टेट का दर्जा प्राप्त रहा, लेकिन 26 जनवरी 1950 को जो ही संविधान लागू हुआ भारत पूर्णतया गणतंत्र राज्य बन गया क्योंकि अब ब्रिटिश सम्राट को भारत का सम्राट (भले ही नाम मात्र का हो/भले ही कागजों में ही सही) कहलाने का अधिकार समाप्त हो गया और भारत का राष्ट्रपति भारत का राज्याध्यक्ष बनाया।
इसीलिए 26 जनवरी को प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पर मनाया जाता है । ध्यान देने योग्य बात है कि केवल संविधान लागू होना ही गणतंत्र नहीं है,इस दिन भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा समाप्त हुआ और भारतीय राष्ट्रपति को देश का राज्याध्यक्ष बनाया,तब वास्तविक रूप से गणराज्य बना। संविधान लागू होने के साथ-साथ ही राष्ट्रपति का निर्वाचन जनता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से करवाए जाने का जो प्रावधान था वह लागू हुआ ।