” अनुच्छेद,अनुसूचियां व भाग की संख्या का सच”

—————————————————-

       लॉर्ड पेट्रिक लॉरेंस की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय कैबिनेट मिशन योजना 1946 के द्वारा गठित संविधान सभा जिसका अस्तित्व  संविधान सभा की  अंतिम बैठक यानी 3 वर्ष 1 माह 16 दिन तक रहा । उसी संविधान सभा के द्वारा 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में एक जीवंत दस्तावेज के रूप में विश्व के सबसे बड़े संविधान का निर्माण किया । संविधान निर्माण के दौरान संवैधानिक सलाहकार बीएन राव ने प्रारूप समिति के विचार के लिए जो प्रारूप संविधान तैयार किया था उसमें 240 अनुच्छेद तथा 13 अनुसूचियां थी तथा प्रारूप समिति ने विचार विमर्श के पश्चात विधानसभा अध्यक्ष को जो पहला प्रारूप फरवरी 1948 को प्रस्तुत किया था उस पर 315 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी ।

अनुच्छेद ,अनुसूचियां
भाग

26 नवंबर 1949  को भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ और उसी दिन उसे अंगीकृत, अधिनियमित आत्मपिर्त किया  गया तथा 26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व होने के कारण इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था भारतीय संविधान लागू हुआ उस समय भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे । 


यह कहा जाता है कि संविधान में हमेशा हमेशा के लिए कोई स्थाई तो नहीं होता है बल्कि समय की आवश्यकता के अनुसार उसने यथोचित संशोधन किए जा सकते हैं रवि उस सविधान की सार्थकता और उपयोगिता बनी रहती है । भारतीय संविधान में भी समय-समय पर संशोधन हुए अब तक 126 संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किए जा चुके हैं जिनमें वर्तमान समय कुल 104 संविधान संशोधन हो चुके हैं । 

संविधान में अनुच्छेदो की संख्या का सच  है ।

अक्सर यह बताया जाता है कि भारतीय संविधान में वर्तमान समय 470 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां तथा 27 भाग हैं जोकि पूर्णतया सत्य नहीं है भारतीय संविधान में आज भी मुद्दा 395 अनुच्छेद है न कि 470,  आख़िर 395 और 470 अनुच्छेदों का आंकड़ा क्या है?  जरा इसको यूं समझिए कि भारतीय संविधान में समय-समय पर विभिन्न अनुच्छेदों में संशोधन हुए हैं उसके उपभाग जोड़े गए हैं इन सब की  अगर  गणना करते हैं तो उनकी संख्या लगभग 470 के आसपास आती है लेकिन भारतीय संविधान में मूलतः आज भी 395 अनुच्छेद ही है जरा सोचिए अगर 470 अनुच्छेद हैं । अगर 470 अनुच्छेद है तो  जरा यह जानने की कोशिश करें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 396,397 ,398, या अनुच्छेद 400 और अनुच्छेद 450 में  किस बात का उल्लेख है । शायद इसका उत्तर आपके पास नहीं होगा क्योंकि जब 395 अनुच्छेद के बाद अगले क्रम का कोई अनुच्छेद है ही नहीं  तो उल्लेख कहां से होगा ।

संविधान में कितनी अनुसूचियां हैं ?

जब 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ उस दिन भारत के संविधान में 8 अनुसूचियां थी लेकिन विभिन्न संविधान संशोधन के माध्यम से नई अनुसूचित जोड़ी गई और आज इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है । निश्चित रूप से इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है क्योंकि भारतीय संविधान में प्रथम  संशोधन 1951 के द्वारा भारतीय संविधान में नौवीं अनुसूची तथा, 52 वा संविधान संशोधन 1985 के द्वारा  10 वी अनुसूची,73 वे संविधान संशोधन 1992  के द्वारा 11वीं अनुसूची तथा 74 वे संविधान संशोधन 1992  के द्वारा 12वीं अनुसूची जोड़ी गई है न केवल गणना के दृष्टिकोण से बल्कि धर्म के अनुसार भी है आज 12 अनुसूचियां हैं ।

भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ

1.प्रथम अनुसूची-  

राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का वर्णन

2. दूसरी अनुसूची – 

राष्ट्रपति , राज्यों के राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति तथा उप-सभापति, विधान सभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति तथा उप-सभापति, उच्चतम तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के सम्बंध में उपबंध

3.तीसरी अनुसूची – 

शपथ या प्रतिज्ञान के प्ररूप ।

4.चौथी अनुसूची – 

राज्य सभा में सीटों का आबंटन ।

5.पांचवी अनुसूची- 

अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उपबंध ।

6.छठी अनुसूची – 

असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध ।

7.सातवीं अनुसूची-  

संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची ।

8.आठवीं अनुसूची-  

मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची ।(वर्तमान मे 22 भाषा)

9.नौवीं अनुसूची –

 विशिष्ट अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन के प्रावधान ।

( प्रथम संविधान संशोधन 1951 द्वारा जोड़ी गई)

10.दसवीं अनुसूची-  

दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता के बारे में उपबंध ।

(52 वे संविधान संशोधन 1985 द्वारा जोड़ी गई )

11.ग्यारहवीं अनुसूची –

 ग्रामीण पंचायती राज को संवेधानिक दर्जा ,पंचायतों के अधिकार, प्रधिकार और दायित्व ।

(73 वे संविधान संशोधन 1992 द्वारा जोड़ी गई )

12.बारहवीं अनुसूची – 

नगरीय पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा , नगरपालिकाओं की के अधिकार, प्रधिकार और दायित्व ।

(74 वे संविधान संशोधन 1992 द्वारा जोड़ी गई ) 

 भारतीय संविधान में कितने भाग है ? 

 अनुच्छेदों की संख्या को लेकर जिस प्रकार की बातें की जाती है उसी प्रकार की बातें और आंकड़े संविधान के भाग को लेकर भी किए जाते हैं  अक्सर भारतीय संविधान में कुल 25 भाग होने की बातें की जाती है लेकिन सच्चाई यह है कि जब संविधान निर्माण हुआ और लागु हुआ था उस समय भी भारतीय संविधान में 22 भाग से और वर्तमान समय में भी मूलतः 22 भाग  ही है । जहां तक 25 भाग के आंकड़ों का सवाल है तो यह उसी प्रकार है कि विभिन्न भागों में किए गए संशोधन और उसके जोड़े गए उपभागो के आधार पर जो गणना की जाती है वह लगभग 25 भाग बताए जाते हैं लेकिन  संविधान में आज भी भाग 22 के बाद भाग 23 क्रम का  कोई नया भाग संविधान में नहीं जोड़ा गया है । अतः आज भी मूलतः संविधान में 22 भाग ही है । 

 संविधान में भाग और उनमे  विभाजित अनुच्छेद

भाग I – संघ और उसके क्षेत्र अनुच्छेद 1-4

भाग II – नागरिकता अनुच्छेद 5-11

भाग III –  मूलभूत अधिकार अनुच्छेद 12 – 35

भाग IV – राज्य के नीति निदेशक तत्व अनुच्छेद 36 – 51

भाग IVA – मूल कर्तव्य अनुच्छेद 51A

भाग V – संघ अनुच्छेद 52-151

भाग VI – राज्य अनुच्छेद 152 -237

भाग VII – संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित

भाग VIII – संघ राज्य क्षेत्र अनुच्छेद 239-242

भाग IX – पंचायत अनुच्छेद 243- 243O

भाग IXA– नगर्पालिकाएं अनुच्छेद 243P – 243ZG

भाग IXB – सहकारी समितियां 

भाग X -अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र अनुच्छेद 244 – 244A

भाग XI – संघ- राज्यों के बीच संबंध अनुच्छेद 245 – 263

भाग XII – वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद अनुच्छेद 264                        -300A

भाग XIII – भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य                         और  समागम अनुच्छेद 301 – 307

भाग XIV- संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं अनुच्छेद 308                   -323

भाग XIVA- अधिकरण अनुच्छेद 323A – 323B

भाग XV – निर्वाचन अनुच्छेद 324 -329A

भाग XVI- कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबंध संबंध अनुच्छेद                   330- 342

भाग XVII – राजभाषा अनुच्छेद 343- 351

भाग XVIII – आपात उपबंध अनुच्छेद 352 – 360

भाग XIX – प्रकीर्ण अनुच्छेद 361 -367

भाग XX – संविधान के संशोधन अनुच्छेद

भाग XXI – अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध अनुच्छेद 369 – 392

भाग XXII – संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ                         और निरसन अनुच्छेद 393 – 395

निष्कर्ष  रूप से यह  कहा जा सकता है कि  भारतीय संविधान में अब तक हुए कुल 104 संविधान संशोधन के बाद भारतीय संविधान में वर्तमान समय में  कुल  395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां तथा 22 भाग है। 

2 thoughts on “संविधान में कितने अनुच्छेद,भाग और अनुसूचियां है”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page