Category: साहित्य,कविता,काव्य,शायरी,मुक्तक

काव्य/शायरी/कविता: जिजीविषा (जीने की इच्छा)

नीरस तरुवर में निकली नन्ही कोंपल से ,उम्मीद की किरण पाकर खिलना सीखो! पिपीलिका का अथक परिश्रम तुम देखो,कठिन डगर पर चढ़ मंज़िल पाना सीखो ! मानव देह में शिवि…

शायरी/ काव्य “बे- वक्त”

अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब कहाँ कैसा लहजा हो ये आना चाहिए! खत में उकेरेअल्फ़ाज़…

काव्य:आलोकित

लाल देह ले भासित हुए अरुण भगवन,शीतल मकरन्द घुली सुगन्धित बहे पवन! दिनकर उदित ले प्रथम कस्तूरी किरण,दरख्तों पर खिले नव कुसुमित पल्लव! भानु प्रकटे प्राची दिसि नव प्रखरता से,सब…

‘परिवार दिवस’ पर काव्य /शायरी

यह मेरा वह दूसरा,ओच्छा यह व्यवहार lवसुधैव कुटुबं की भावना,आज दिवस परिवार ll संयुक्त में ताकत भरी,एकल एकल खार lसंगठन में शक्ति कही,आज दिवस परिवार ll हिल मिल कर चलती…

काव्य – आखा तीज/ अक्षय तृतीया

बैशाख शुक्ल की तृतीया,कहते आखा तीज lकृषि कार्य शुरुआत हो,बो ओ धर्म के बीज ll 1 मांगलिक फलदायिनी,हो मंगल सब काज lऋषि कृषि की संस्कृति,हम सबको है नाज ll 3…

काव्य – रुसवाईयाँ !!

कैसे जीता हूँ तेरे दिये दर्द को तुम क्या जानो,बिन तेरे कितनी नश्तर राते, तुम क्या जानो ! चहरे पर बिखरी हुई बेबस बेजुबां मुस्कान,दिल की उदासी का आलम तुम…

काव्य – कच्ची कलियाँ

खत नही वो लब्ज़ हैं जुबां जो कह न सकी,कली जो फूल बसन्त का कभी बन न सकी! वो सिसकियां नही सांसे हैं मेरी जो मरी नही,कच्ची कली न तोड़…

काव्य/शायरी – अधूरे ख्वाब

कजरा लगा के बाग में न अकेले जाया करो !अल सुबह सोये फूलों को न जगाया करो!! कलियों के हसीन ख्वाबों को न तोड़ा करो !कलियों पर बैठे भँवरों को…

काव्य – साजन

साजन मेरे मेरी रगों में दौड़ते लहू तुम,तेरी सनसनाहट बदन में पाऊँ बलम !१ हवा में सन सन जल में तरंग साजन,बिजली में चमक पत्थर में आग हो !!२!! ठहरे…

काव्य : अवनी अम्बर

कभी नयन देखता हूँ कभी नक्श देखता हूँ ,तेरी शोख अदाएं तसल्ली भर निहारता हूँ! मैं लिखने को तुझ पर वक्त से वक्त चुराता हूँ,अल्फाज़ो में बदन की नक्काशी लिखता…

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