Category: साहित्य,कविता,काव्य,शायरी,मुक्तक

काव्य: रंग बिरंगी होली आयी,

रंग बिरंगी होली आयी,गोरी सतरंगी बनठन आयीगुब्बारे में प्रेमरंग भरके लायीमस्तानो की टोली आयी, क़ातिल निगाहे गजब डाहे,गोरी रंग मलती बाहँ उठायेभीगी चुनरी चोली खेलो होली नैन नशीले बदन गठीला,पिया…

काव्य: नकाब

चाहत दिलों में हो तो झलकती जरुर है!!खिलती है जब कली तो महकती जरुर है!! रखिये हज़ार बंदिशें अमानत को इश्क की,लेकिन ये अश्क बन के छलकती जरुर है !…

काव्य: दर्द ए जुदाई और ये तन्हाई

हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ,हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ!सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें,अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।…

काव्य : शब्द व्योम !!(गोविन्द नारायण शर्मा)

शब्द ब्रह्म हूँ अजर अमर स्फोट अविनाशी ,परा पश्यंती मध्यमा बेख़री व्योम का वासी! बादलो की गरजन वेणु की मधुर धुन में हूँ ,तबले की थाप में गायक की हर…

मैं सिर्फ ‘शब्द’ नही हूं

शब्द ब्रह्म हूँ अजर अमर स्फोट अविनाशी ,परा पश्यंती मध्यमा बेख़री व्योम का वासी! बादलो की गरजन वेणु की मधुर धुन में हूँ ,तबले की थाप में गायक की हर…

गद्य/कहानी/रचना “आईने की व्यथा”

एक बार सभी आइने अपनी उपेक्षा से दुखी होकर मृत्यु लोक से विदा लेकर स्वर्ग लोक में चले गए ! वहां सृष्टी के निर्माता ब्रम्हा जी को अपनी व्यथा सुनाने…

वो आंखों से ओझल हो गये !

रात रुक जाने की फरियाद करते रह गये, वो अनमने से भाव लिए सुबकते रह गये! दिल में बड़ी ख्वाहिशें संजोये उनकी तरफ से, हम से बेहतर कोई मिला शायद…

सावन:उमड़ घुमड़ बदरा आये

देख सखी उमड़ घुमड़ बदरा आये ,लगे यू ज्यों परदेशी पिया घर आये !सखी बिजुरियाँ चमक रही घन माही,साजन ढूंढ रहे अपनी प्यारी सजनी ! उमड़ घुमड़ बदरा बरखा बरसाए…

बरसात

बारिश की नन्ही बूंदे छमछम करत बरसत ,मन हरषत उपवन पिक मधुर गीत सुनावत! ताल तलैया हिलोरत कलरव गान करत खग,हरित धानी चुनर ओढ़ नवोढ़ा सजी बहुरंग! भँवरे मंडराते कलियां…

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