Author: Dr Gyanchand Jangid

कविता/काव्य/शायरी – तुझ बिन विरहन

तुझ बिन दहके तन प्राण निकस रहे पिया ,सूनी सेज शूल चुभे बिरहनी मुरझाई पिया! मल्हार बन उमड़ आवो मोरे परदेसी पिया ,मुरझाई दूब बून्द गिरे हरियायी जाती पिया! तन…

काव्य/कविता – पर्ण कुटी

अपनी एक सुंदरतम पर्ण कुटीर बनाएंगे,घास पूस पत्तो से उसको खूब सजायेंगे! घर पर सनातन प्रतीक पताका फहराएंगे,रोशनी को कुटिया में घी का दीप जलाएंगे! सुरभि धेनु के गोबर से…

काव्य/शायरी: “रूह की ख़्वाहिश”

रूह में भला बिना ख्वाहिश उतरता कौन हैं,आँख मूंद भरोसा किसी पर करता कौन हैं! जान देने को अक्सर उल्फ़त में कहते तो हैं,पतंगे की तरह दीपक पर यूँ मरता…

निर्जला एकादशी का व्रत कब है ? 17 जून या 18 जून

ज्येष्ठ शुक्‍ल एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। जेठ के महीने की भीषण गर्मी में बिना अन्‍न-जल ग्रहण किए निर्जला व्रत रखना बहुत कठिन होता है। इसलिए…

काव्य/शायरी/कविता: जिजीविषा (जीने की इच्छा)

नीरस तरुवर में निकली नन्ही कोंपल से ,उम्मीद की किरण पाकर खिलना सीखो! पिपीलिका का अथक परिश्रम तुम देखो,कठिन डगर पर चढ़ मंज़िल पाना सीखो ! मानव देह में शिवि…

शायरी/ काव्य “बे- वक्त”

अगर मैं बेवक्त बोल जाता ख़ताये तुम्हारी,जीती हुई बाजी हार जाता यही समझदारी! जज्बातों पर आंच आये तो बोलना चाहिए,कब कहाँ कैसा लहजा हो ये आना चाहिए! खत में उकेरेअल्फ़ाज़…

बिजासन माता मंदिर बघेरा ‘बच्चों की देवी ‘के रूप में विशेष महत्व रखता है,जहां पर छोटे छीटे पत्थरो से मकाननुमा आकृतियां बनाकर नये मकान बनाने की मन्नते की जाती है ।

राजस्थान के केकड़ी जिले का बघेरा कस्बा भी धर्म, अध्यात्म, पौराणिकता को अपने आप मे समेटे हुए कस्बा रहा है जिसका उल्लेख विभिन्न पौराणिक और धार्मिक ग्रंथो, इतिहासकारो के ग्रंथ…

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव,योग्यता,वेतन पदावधि और शपथ संबंधी क्या अंतर है ?

भारतीय संविधान के भाग 5 और अनुच्छेद 52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति होगा जो कि देश का प्रथम नागरिक कहलाता है,उसी प्रकार संविधान के भाग 5 के अंतर्गत…

देश के एक मात्र सिख राष्ट्रपति कौन है ?पदक्रम, कार्यकाल और सड़क दुर्घटना में जिनकी मृत्यु हुई।

भारतीय राष्ट्रपति के सर्वोच्च पद को लेकर अक्सर सवाल लिए जाते रहे है कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति उम्मीदवार कौन थी, पहली महिला राष्ट्रपति कौन थी ? उसी प्रकार…

कोटा का रिवर फ्रंट क्या है ? चंबल माता की मूर्ति के साथ यह भी है आकर्षण का मुख्य केंद्र

देश व प्रदेश में शैक्षणिक तथा औद्योगिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध कोटा नगरी की पहचान अब रिवर फ्रंट के नाम से होने लगी है। चंबल नदी के किनारे पर…

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