लॉक डाउन ने कर दिया “मजदूर को मजबूर “
” यह मजदूर का हाथ है कातिया यह ताकत खून पसीने से कमाई हुई रोटी की है जो लोहे को पिघलाकर उसका आकार बदल देता है “जी एक दम सही सुना…
(M.A. B.ED, NET, SET, Ph.d, LL.B)
” यह मजदूर का हाथ है कातिया यह ताकत खून पसीने से कमाई हुई रोटी की है जो लोहे को पिघलाकर उसका आकार बदल देता है “जी एक दम सही सुना…
छूट गए हैं रोजगार और घर – बार मदद की है आज उनको दरकार, “कहां तक मन को ये अंधेरे छलेंगे उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे कभी सुख कभी…
पहला सुख निरोगी काया :जागरूक रहे सुरक्षित रहे अक्सर “जागते रहो-जागते रहो” शब्दो से आप परिचित होंगे हमारे चौकीदार बन्धु के ये शब्द हमारे आसपास होने वाली घटित घटनाओं के…
अक्सर हम जीवन में “सावधानी हटी दुर्घटना घटी” , “सावधानी ही सुरक्षा है”- जैसी कहावतें सुनते और पढ़ते आए है जब बचपन में साइकिल चलाना सीखा करते थे…
किसी शायर ने क्या खूब कहा है–दर्द का हर लम्हा वक्त के साथ गुजर जाता है,बे-दर्द लम्हा वक्त के साथ निशान छोड़ जाता है जीवन में कुछ घटनाएं कुछ…
कोई भी शासन हो, कोई भो देश और प्रान्त हो, न्याय और न्याय के मंदिर न्यायपालिका का अपना महत्व रहा है । न्यायपालिका की कार्यप्रणाली और उसकी स्वतंत्रता के आधार…
सोशल मीडिया बच्चों में टिक-टोक का क्रेज आज सोशल मीडिया मानो व्यक्ति के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। क्या…
एक तरफ रोते बिलखते परिवार जन और वहीं दूसरी तरफ तरह-तरह के व्यंजन परोसे जाने का वह दृश्य आखिर क्या कुछ बयां नहीं करता, संस्कार ,प्रथा, धर्म, ओर परम्पराओ के…
अपने तो अपने होते है “ लॉक डाउन ने समाज को देश को लॉक भी कर दिया और कुछ क्षेत्रों में डाउन भी कर दिया बहुत समस्यायें भी हुई जिनको…
मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने पत्रकारिता के परिपेक्ष्य में क्या खूब कहा …..” खींचो न कमानो को न तलवार निकालो जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो ” अकबर इलाहाबादी की ये…
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