Author: Dr Gyanchand Jangid

विद्या ददाति विनियम …. केवल श्लोक नहीं वरन जीवन निर्वाह का सूत्र

विद्या ददाति विनियम …. केवल श्लोक नहीं वरन जीवन निर्वाह का सूत्र,संस्कृत का यह उद्धरण एक श्लोक नहीं वरन जीवन के क्रमिक निर्वाह की अवधारणा का एक सार सारगर्भित लेख…

काव्य/मुक्तक/कविता: ऐसी थी वो…..

बड़ी सीधी साधी पर कमाल की रूपसी थी वो , बिन शृंगार ही जन्नत की हूर लगती थी वो!!१ कतरा भर पढा था उसकी कातिल निगाहों को , नश्तर सी…

गजल/शायरी:”यूँ चुप न रहो”

यूँ चुप न रहोअच्छा बुरा चाहे कुछ तो बोलो,मेरी खता नादानियां शिकवे कुछ तो बोलो ! सनम गम नाजुक जहन में दबाकर न रखो,कोई सुन न ले होले होले से…

भजन संध्या में डांसर का प्रदर्शन: धार्मिक मर्यादा पर प्रश्नचिह्न, संस्कारों की भूमि पर सांस्कृतिक अपसंस्कृति का बढ़ता चलन चिंता का विषय

एक समय था जब भजन संध्याएं आध्यात्मिक शांति, भक्ति और आत्मसाक्षात्कार का माध्यम मानी जाती थीं। मगर बीते कुछ समय से इस पवित्र परंपरा में एक विचित्र और निंदनीय बदलाव…

शेफाली जरीवाला कौन है ? जाने इनका पूरा जीवन परिचय

शेफाली जरीवाला नाम हाल ही में अचानक चर्चा में आया (15 दिसंबर 1982 – 27 जून 2025) भारतीय अभिनेत्री, मॉडल और रियलिटी टीवी स्टार थीं, जिन्हें ‘कांटा लगा गर्ल’ के…

बैलो से खेती करने वाले किसानों को 30,000 रुपए प्रोत्साहन राशि के लिए करे

सरकार बैलो से खेती करने वाले किसानों को प्रतिवर्ष ₹30,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। यह योजना उन किसानों के लिए है जो पारंपरिक तरीके से बैलो की…

राइट टू रिकॉल: राजस्थान पंचायती राज में इसका पहला प्रयोग कब और कहां किया ?

राइट-टू रिकॉल (Right to recall” या “the right to recall”) का प्रावधान क्या है ? आपको बता दे कि लोकतांत्रिक शासन में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जनमत संग्रह द्वारा हटाने की…

काव्य: रंग बिरंगी होली आयी,

रंग बिरंगी होली आयी,गोरी सतरंगी बनठन आयीगुब्बारे में प्रेमरंग भरके लायीमस्तानो की टोली आयी, क़ातिल निगाहे गजब डाहे,गोरी रंग मलती बाहँ उठायेभीगी चुनरी चोली खेलो होली नैन नशीले बदन गठीला,पिया…

काव्य: नकाब

चाहत दिलों में हो तो झलकती जरुर है!!खिलती है जब कली तो महकती जरुर है!! रखिये हज़ार बंदिशें अमानत को इश्क की,लेकिन ये अश्क बन के छलकती जरुर है !…

काव्य: दर्द ए जुदाई और ये तन्हाई

हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ,हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ!सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें,अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।…

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