अच्छी आदत बालक के सुखद भविष्य का निर्माण तय करती है बिल्कुल! अच्छी आदते बालमन के विचारों को जीवन के कर्मिक विकास में एक नई दिशा प्रदान करते है जिससे बालक की ऊर्जा सकारात्मक चरण को प्राप्त करती है।किसी भी कार्य की बाध्यकारी नीतियां कुंठित विचारधारा को जन्म देती है। जिसे बालक गलत दिशा की ओर अग्रसर हो जाता है।

बालक का उज्जवल भविष्य हर माता-पिता का चिंतित विषय है बच्चा आगे चलकर अच्छे पद को प्राप्त कर अपना जीवन निर्वाह करें। ऐसे में बालक का भविष्य बेहतर करने के लिए हर माता-पिता को स्वयं तथा बच्चों में अच्छी आदतों का निर्माण करना चाहिए यही आदतें एक सुखद भविष्य का निर्माण करती है।

इस संदर्भ में एक दार्शनिक विचारक ड्राईडेन ने कहा कि -” पहले मनुष्य अपनी आदतों का निर्माण करता है और फिर वही आदतें उसका निर्माण करती है।”कहने का तात्पर्य स्पष्ट है अच्छी आदतों के द्वारा बालक या व्यक्ति अपने सुखद भविष्य की कल्पना कर सकता है। हर माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चे पर दबाव न बनाकर उसकी आदतें अच्छी करें, जिससे वह स्वत: ही संज्ञान लेने की क्षमता हासिल कर लेगा।

प्रातः काल से लेकर रात्रि विश्राम तक के कार्यों का एक व्यवस्थित लेखा तैयार कर उसके अनुसार कार्य की योजना बनाकर अध्ययन को सुव्यवस्थित किया जा सकता है।पिछले लेख में भी मेंने पारिवारिक सत्संग का जिक्र किया था बालक परिवार में रहकर ही शिक्षा और संस्कार दोनों प्राप्त कर सकता है क्योंकि एक बालक के भविष्य के लिए जितनी शिक्षा की आवश्यकता होती है उतनी ही आवश्यक है उसके संस्कार और यह संस्कार बाजार में मूल्य देकर प्राप्त नहीं किया जा सकता वरन यह मूल्य पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते हैं।अच्छी आदतें बनाने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य सुनियोजित करें , उन्हें समय पर पूरा करें जिससे समय पर कार्य पूरा करने की आदत बन जाती है।

प्रातः काल जल्दी उठने , संतुलित आहार और नियमित व्यायाम आपके मन और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं, स्वस्थ जीवन शैली आपको बेहतर नींद लेने , मूड बेहतर करने में और स्वस्थ वजन बनाए रखने में भी मदद करती है किसी भी अच्छी आदत डालने में लगभग 21 दिन का समय लगता है इसलिए छोटी-छोटी शुरुआत करें।आदत संकेत, लालसा, प्रतिक्रिया और इनाम के एक चक्र से बनती है जहां किसी काम को बार-बार दोहराने से वह स्वचालित हो जाता है मस्तिष्क में तंत्रिका मार्ग बन जाते हैं जिससे वह क्रिया बिना सोचे समझे होने लगती है संपूर्ण प्रक्रिया में सकारात्मक इनाम बहुत महत्वपूर्ण है।

इसलिए सफलता के लिए अच्छी आदतों का निर्माण करें और यही आदतें आपको उच्चतम शिखर पर ले जाएगी।”संसर्गजा दोषगुणाः स्यु‌र्बीजस्येव यथा वृत्तिः‌।कृतस्य हि क्रियाः सर्वाः संस्काराः संस्क्रियाम्‌ ॥”

डॉ रामबाबू सोनी

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