मुखड़ा ढकले अपना प्राणी जरा मास्क में, धो लो साबुन से न जाने कितने कीटाणु छुपे हैं अपने हाथ में
०सरकारी गाइडलाइन की पालना करें और सुरक्षित रहे।० घबराने की नहीं जागरूक रहने की आवश्यकता हैं ० सरकार और आम जनता मिलकर ही इस पर जीत हासिल कर सकती है० सभी सरकारे अपने स्तर पर अच्छे प्रयास कर रही है हमारा भी दायित्व बनता है कि हम भी उन प्रयासों में सहयोग करें अपने कर्तव्य की पालना करें
कुछ नहीं कहना है मुझे तुम्हें ……अंधेरे में जीने की आदत पड़ चुकी तुम्हारी..….जिओ चाहे जैसे जिओ तुम्हारी जिदगी है ,,…….ऊपर वाला भी सोचता होगा कि मैंने सबसे खूबसूरत चीज बनाई थी इंसान नीचे देखा तो सब कीड़े नजर आए किसे समझा रहा हूं मैं …. क्रांतिवीर फिल्म में नाना पाटेकर का यह बहुत ही प्रसिद्ध डायलॉग आज के सामाजिक परिवेश में आज के इस दौर में प्रासंगिक और सार्थक नजर आ रहा है । फिल्मी दुनिया में क्रांतिवीर फिल्म में इस डायलॉग के माध्यम से नाना पाटेकर ने देशवासियों को जगाने का प्रयास किया था जगाने से याद आया यह कोविड का दौर है ।
पिछले लंबे समय से समझाने का ही तो प्रयास किया जा रहा है लेकिन यह जनता है इतनी आसानी से कहा मानने वाली है । जबसे covid-19 का दौर चला है प्रशासन हो चाहे कोई सरकारी और गैर सरकारी संगठन हर कोई आम जनता को विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार दोनों के द्वारा एलाउंसमेंट कर कर, तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित करके जगाने का प्रयास किया था और कर रही है लोगों को समझाया जा रहा है कि कोविड-19 एक संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है अगर इससे बचना है तो अपने मुंह को और नाक पर मास्क लगाकर सही प्रकार से मुँह और नाक को ढक कर रखें बार-बार हाथ धोएं इससे ही संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है इससे बचा जा सकता है । अपने आपको सुरक्षित रखा जा सकता है । इससे फैलने से रोका जा सकता है लेकिन यह उसी देश की जनता है जिसमें हेलमेट पुलिस के चालान से बचने के लिए पहना जाता है जीवन की सुरक्षा के लिए नहीं ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की दिशा में नियमित तौर पर हाथ धोना और स्वच्छता से रहना बेहद ज़रूरी कदम है.
जनता को मास्क पहनने के लिए …..बिना वजह से घर से बाहर ना निकलने के लिए पुलिस प्रशासन और गैर सरकारी और सरकारी संगठनों को तरह-तरह के तरीके अपनाने पड रहे हैं कभी-कभी तो शक्ति का प्रयोग भी करना पड़ रहा है और आरोप लगाते हैं सरकार पर कि सरकार के पास संसाधन नहीं है, गैस ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो रही है अस्पतालों में जगह नहीं है दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही है ।
आरोप लगाना आसान है लेकिन एक यह सोचनीय विषय है कि आम जनता खुद इसके प्रति कितना जागरूक है ? क्या वह इमानदारी से बिना किसी दबाव के सरकारी गाइडलाइन की पालना कर रही है ? क्या वह किसी दबाव के बिना स्वविवेक से मास्क पहन रही है हाँ कुछ लोग इसकी पालना जरूर कर रही है , अगर नहीं तो चाहे सरकार – केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार पर आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं बनता है …. लेकिन दिल है कि मानता ही नहीं । किस जनता से अनुशासन पखवाड़े की पालना के अपेक्षा की जाती है अगर अनुशासन में ही रहती तो शायद पुलिस प्रशासन को मास्क लगाने के लिए या बेवजह घर से बाहर निकलने के लिए जनता को इतनी समझाइश की आवश्यकता नहीं पड़ती, धूप छांव हो या विकट परिस्थितियों में दिन रात सड़कों पर गली में घूम घूम कर निगरानी नहीं करनी पड़ती । गाइडलाईन की पालना कराने के लिये मास्क लगाने के लिये जानता को जगाने की मसशकत नही करनी पड़ती ।
आपकी गैर जिम्मेदार है ना आपकी लापरवाही कई आपके बच्चों के लिए मुसीबत ना बन जाए आपकी जिंदगी आपकी अकेले की नहीं है आप पूरे परिवार की जिंदगी है । इसकी पीड़ा उन व्यक्तियों से अनुभव कीजिए जिन्होंने अपने परिजन खोए हैं या जिनके परिजन आज भी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो रहे हैं शायद उन रोते व्यक्ति परिवारों को देखकर आपको अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो जाए ।
अभी भी वक्त है हम सभी जागरूक रहकर सरकारी गाइडलाइन की पालना करते हुए इस मुसीबत से मिलकर बाहर निकल सकते हैं ।
हर व्यक्ति को खुद अपने आपकी सुरक्षा अपने समाज को इस संक्रमण से बचाने के लिये सार्वजनिक जगहों और भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से पहले मास्क पहनना चाहिए भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने बचने की कोशिश हो क्योंकि इससे न सिर्फ एक व्यक्ति वायरस से संक्रमित होने से बचता सकता है बल्कि मास्क पहनने से इस जानलेवा बीमारी के प्रसार ओर संक्रमण को फैलने से रोकने में अपना योगदान दे सकते है । इसलिए जागरूक रहने और गाइडलाइन की पालन करना हर व्यक्ति का दायित्व बनता है । आप वायरस से संक्रमित हुए हों या नहीं, मास्क पहनना हर व्यक्ति के लिये बेहद सबसे ज़रूरी है।
डॉ. देवेंद्र वार्ष्णेय, मंडलीय सर्विलांस अधिकारी, एडी हेल्थ ऑफिस का कहना हैं कि – कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क सबसे महत्वपूर्ण है। हवा के माध्यम से संक्रमण फैलता है। नाक व मुंह के जरिये वायरस फेफड़ों में प्रवेश करता है। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए सही तरीके से मास्क लगाना जरूरी है। साधारण कपड़े या एन-95 में से कोई भी मास्क लगा सकते हैं। सबसे जरूरी नाक एवं मुंह का ढका रहना है। जरूरी न हो तो घर से बाहर नहीं निकले। गीले मास्क का इस्तेमाल न करें। उस पर वायरस के ठहरने का खतरा रहता है। साबुन से हाथ धोकर मास्क उतारें और बाल्टी में डाल दें।
अपने हाथों को साबुन से बार बार धोये । आपका यह एक छोटा सा प्रयास समाज को एक बड़े संकट से रोकने में कारगर साबित हो सकता है । covid-19 के इस दौर में घबराने की आवश्यकता नहीं बल्कि जागरूक रहकर इसे फैलने से बचाने के प्रयास करने की आवश्यकता है । यह प्रत्येक नागरिक का दायित्व बनता है कि वह गाइडलाइन की पालना करें । सभी सरकारी अपने स्तर पर इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रयास कर रही है हमारा दायित्व बनता है कि सरकार के उन प्रयासों में सहयोग करें राजनीतिक दलों को भी एक दूसरे पर आरोप लगाए जाने के बजाय मिलकर काम करना होगा क्योंकि मिलकर ही इस समस्या से इस आपदा से निजात पाया जा सकता है ।