Month: February 2025

काव्य: दर्द ए जुदाई और ये तन्हाई

हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ,हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ!सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें,अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।…

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