Day: August 11, 2024

वो आंखों से ओझल हो गये !

रात रुक जाने की फरियाद करते रह गये, वो अनमने से भाव लिए सुबकते रह गये! दिल में बड़ी ख्वाहिशें संजोये उनकी तरफ से, हम से बेहतर कोई मिला शायद…

सावन:उमड़ घुमड़ बदरा आये

देख सखी उमड़ घुमड़ बदरा आये ,लगे यू ज्यों परदेशी पिया घर आये !सखी बिजुरियाँ चमक रही घन माही,साजन ढूंढ रहे अपनी प्यारी सजनी ! उमड़ घुमड़ बदरा बरखा बरसाए…

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