Month: May 2021

बघेरा में प्रेम का प्रतीक ढोला मरु का तोरण द्वार रखता है अलग ही पहचान ।

         एक किंवंदती के अनुसार ढोला-मारू का विवाह केकड़ी जिले में जिला मुख्यालय से कर 18 किलो मीटर दूर बघेरा कस्बे में हुआ था जहां आज भी…

अंध विश्वास का अधेरा आखिर कब तक

हमारा धर्म हमें हमारी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े रखता है हमें नैतिक शिक्षा देता है हमें आत्मविश्वास देता है, धर्म मे विश्वास करो अंधविश्वास नही ।=========================≠==        पिछले…

बघेरा में है “मौलश्री का ऐतिहासिक पेड़” इसका धार्मिक महत्व क्या है?

ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व वाला बघेरा कस्बा जो कि केकड़ी जिले में ऐतिहासिक और आध्यात्मिक इमारतों /मंदिरों/स्मारक  के दृष्टिकोण से महत्व  रखने वाला कस्बा है आज हम बात करते है…

बघेरा गाँव की धरती मूर्तियां और इतिहास उगलती है।

जहां जहां तहां रखी हुई ऐतिहासिक,धार्मिक वस्तुएं/कलाकृतियां हमारी अमूल्य धरोहर है ये हमें हमारी सभ्यता संस्कृति व धर्म और इतिहास को याद दिलाती है हमारा दायित्व है  कि हम उसे…

बेटी के चरण धोकर पिया,दिया समाज की एक संदेश

समाज के चन्द लोगों की सोच और प्रयासों  से ही जीवंत है हमारी संस्कृति और हमारे सांस्कृतिक मूल्य, चलो एक बार फिर उन्हें जीवंत करते हैं।       सनातन संस्कृति…

बघेरा केवल एक कस्बे का नाम ही नही,धर्म और इतिहास को समेटे हुये है ,आज समय की मांग और आवश्यकता जो विचारणीय है,

बघेरा केवल एक गाँव का नाम ही नही धर्म और इतिहास को समेटे हुये है ,समय की मांग और आवश्यकता जो विचारणीय है,           वक़्त बदलता है…

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 के गुनहगार कौन है ?

गुनहगार हो गए टीजीटी 2012 वाले शिक्षित बेरोजगार अधिक अंक लाकर   पिछली कांग्रेस सरकार के द्वारा पंचायती राज विभाग के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 की गई थी…

गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई

गौरैया चिड़िया न जाने कहां गुम हो गई इंसानों के बीच रहा करती थी आज की पीढ़ी उनसे अनजान हो गई    फ़ोटो में दिख रही है  इस छोटी सी …

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