अवसरवाद के भेंट चढ़ चुकी है मानवीय संवेदनाएं,
कोरोना काल :- मरती मानवीय संवेदनाओ और अवसरवाद की पराकाष्ठा । कहते हैं परिवर्तन प्रकृति का नियम है । लेकिन इतना भी क्या परिवर्तन …….पिछले कुछ वक्त पूर्व जब…
(M.A. B.ED, NET, SET, Ph.d, LL.B)
कोरोना काल :- मरती मानवीय संवेदनाओ और अवसरवाद की पराकाष्ठा । कहते हैं परिवर्तन प्रकृति का नियम है । लेकिन इतना भी क्या परिवर्तन …….पिछले कुछ वक्त पूर्व जब…
मानवीय मूल्यों और रिश्तो की उपेक्षा :- कारण संक्रमण का डर,संवेदनहीनता,गैरजिम्मेदाराना, इंसान की बेबसी या फिर कोई मजबूरी । खुले आंगन में लकड़ी के एक तख्त…
किसी भी देश की शासन व्यवस्था में औऱ शासन और सरकार में जब किसी बड़े अधिकारी या प्रशासक पर विधानमंडल में अपराध का दोषारोपण होता है और उसे हटाये जाने की एक…
विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में संसदीय शासन व्यवस्था को स्वीकार किया गया है । बिहारी बाबू के नाम से प्रसिद्ध डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद देश के पहले …
किसी ने क्या खूब कहा है कि वक्त नूर को बेनूर कर देता है कौन चाहता है बेकार और घर पर बैठना लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है ।…
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