एक बार सभी आइने अपनी उपेक्षा से दुखी होकर मृत्यु लोक से विदा लेकर स्वर्ग लोक में चले गए ! वहां सृष्टी के निर्माता ब्रम्हा जी को अपनी व्यथा सुनाने लगे।
उन सबकी लबर-झबर से उकता कर ब्रम्हा जी ने उनमें से एक प्रतिनिधि चुनने को कहा।सभी आइनों ने मिलकर आइनेश्वर दर्पण दास को प्रतिनिधि बनाकर ब्रम्हा जी के चैम्बर में भेजा ! दर्पण दास जी अपने मलीन धुल धूसरित मुख से धुल हटाते हुए बोले, ” हे ब्रम्ह देव ,हमारी रक्षा करो ,मृत्यु लोक में हमारी दुर्दशा हो गई है। एक समय था जब लोग हमारे सामने सजते-संवरते थे।
प्रेम में पड़ी सुकोमलाएँ घंटों हमारे सामने खड़े होकर अपने साजन मिलन की पवन बेला को बला की खूबसूरती प्रदान करने के लिए सजतीं-संवरतीं थीं, पिया मिलन के गीत गातीं थीं। विरहनें हमें अपना साथी मानतीं थीं,अपनी विरहा की पीड़ा हमसे साझा करती थी और हम उनके आंसुओं की तकलीफ समझते थे।“
“ यही नहीं प्रभो..लोग गाड़ियों के साइड मिरर में भी देखते थे कि आगे कौन है और पीछे कौन है । लोग एक दूसरे का मान रखते थे। सब लोग अपना आइना खुद ही देखते थे , लोग एक दूसरे को आइना दिखाते नहीं थे। हमारे ऊपर स्वार्थ और संवेदनहीनता की परतें चढ़ा दी गई हैं। सब परतें चढ़ाने में लगे हैं, कोई परतें हटाने वाला नहीं है। अब लोगों ने हमें देखना ही बंद कर दिया है।
कहते हैं ‘हम झूठे हो गए,’हमारी हालत इ वि एम् से भी बदतर हो गयीहै ,लोग चहरे खुद झूठे लगाते है और हमें ब्लेम करते है ! अरे इतने चेहरे बदल लेते हैं लोग इतने तो नेता दल भी नहीं बदलते, प्रेमिका प्रेमियों को भी नहीं बदलती ! सिर्फ चेहरा ही नहीं चेहरे के रँग भी इतनी जल्दी बदलते हैं , इतनी जल्दी तो गिरगिट भी रंग नहीं बदलता।“
हे चौमुखी चिंतक!..
“संविदा में लगे किसी कर्मचारे की तरह सिफ हम पर दोष मढ़ा जाता है, कोई पार्टी किसी दूसरी पार्टी को आइना दिखाती है, तो पार्टी कहती है –‘इसने ये आइना खरीद लिया है, ये आइना इसका भक्त हो गया, इसी की बोलता है।‘ आइने पर झूठ बोलने का इल्जाम !सच में इतनी बदनामी हमारे हिस्से आ रही है। लोगों ने अपने बेडरूम, बाथरूम, कार, सभी जगह से हमें हटा दिया है। धूल-मिट्टी जो हम पर जमी है बस उसे ही साफ करते रहते हैं, कभी खुद के आत्मा और शरीर दोनों पर जमी धूल-मिट्टी नहीं हटाते। “
हे ‘चिंता-प्रवक्ता’ ब्रह्मा जी .”मोबाइल वालों ने भी हमारा रोजगार छीन लिया। अब देखो, ऐसे-ऐसे फिल्टर लगा रखे हैं जो बूढ़े आदमी को 16 साल का जवान बना दे। लोग इस फिल्टर के सहारे अपनी ठरकपन की प्यास शांत कर रहे हैं, फेसबुक पर अपने को जवान बताकर 16 साल की लड़की से इश्क फरमा रहे हैं।“
ब्रह्मा जी उनकी बातें बड़े ध्यान से सुन रहे थे। तभी ब्रह्मा जी ने एक प्रस्ताव रखा, “क्यों न तुम्हारा अपग्रेडेशन कर दिया जाए। देखो इस उत्तर आधुनिक काल में जहाँ तकनीक पल-पल बदलती रहती है वहाँ तुम्हारा ये चेहरा दिखाने का काम अब अप्रासंगिक हो गया है।अब तो कृत्रिम बुद्धिमता के जमाने में लोग इस प्रकार से चहरे पर चेहरा लगा लेते हैं की एग्जामिनर धोखा खा जाये , लोग अपना असली चेहरा तो बहुत पहले छोड़ चुके हैं, अब तो बस नकली चेहरों का सहारा ले रहे हैं,वो भी देशकाल परिस्थिति के अनुसार उपलब्ध हैं ! लोग वो ही देखना चाहते हैं जो उन्हें देखना है, या जो वो नहीं हैं वो भी देखना चाहते हैं। तुम बिल्कुल बूढ़े माँ-बाप की तरह अपने बाय डिफॉल्ट मोड में उन्हें असली चेहरा दिखाना चाहते हो, अब वो कहाँ ये बर्दाश्त करेंगे।
ऐसा करो तुम बजाय उन्हें चेहरा दिखाने के उनका चरित्र दिखाना शुरू करो। लोग कितनी भी कोशिश करें अपना चेहरा तो बदल सकते हैं लेकिन चरित्र नहीं बदल सकते। शायद तुम्हारा ये नया अपडेटेड फीचर उन्हें पसंद आए।”
प्रतिनिधि दर्पण सिंह को बात जंची लेकिन उन्होंने आइना संघ के समक्ष ये बात रखी ,सभी ने एक साथ हामी भर दी। बस फिर क्या था, ब्रह्मा जी ने अपने आईटी विभाग को ये जिम्मा सौंप दिया। आइने अपने नए फीचर के साथ मृत्यु लोक में लॉन्च हो गए। लोगों ने धड़ल्ले से आइनों को खरीदना शुरू किया। सभी जानने को उत्सुक थे कि ये अपडेटेड वर्जन वाले आइनों में ऐसा क्या ख़ास हैं। सभी में होड़ लगी, एडवांस बुकिंग शुरू हो गई। कई लोगों ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर,और कुछ ने ब्लैक के एक्स्ट्रा भुगतान में भी आइने खरीदे। सभी ने अपने बेडरूम,ड्राइंग रूम,वाशरूम ,जाहन भी जगा मिली वहां आईने लगा दिए लेकिन ये क्या, जैसे ही नए आइने लगे, ब्रेकिंग न्यूज़ की बाढ़ आ गई।
एक खबर आई कि एक पति और पत्नी में तलाक हो गया, पति जैसे ही पत्नी के सामने आया, पति के एक्स्ट्रा मृमेरिटल अफेयर की परत आइने ने खोल दी। फाइल कोर्ट में गयी और तलाक की अर्जी दर्ज हो गई। नेता, अफसर, अधिकारी, वकील सभी को अपना असली चरित्र दिखने लगा तो सभी विभागों में खलबली मच गई। लोगों के चरित्र का ऐसा बाजारीकरण हुआ कि जो काम आर टी आई कानून नहीं कर पाया वो काम आइने ने एक झटके में कर दिया। घोटाले, रिश्वतखोरी, लूटपाट, डकैती, बलात्कार ,अपहरण,फिरौती के मामलों के नए नए खुलासे की ख़बरों से अखबार भर गए ! सभी जगह ‘मी टू,’मी टू की ‘ आवाज आने लगी.. ।
सोशल मीडिया में हाहाकार मच उठा । इधार जनता को भी रोजाना नए नए घोटालेबाजों का पता लगा तो चारों तरफ,’अच्छा ये भी ,अच्छा ये भी ‘की आवाज आने लगी ! मामला संसद तक पहुंचा। इस मामले में देखा गया कि संसद के पक्ष-विपक्ष सभी सदस्य एकजुट होकर इन नए फीचर वाले आइने का विरोध करने लगे। संविधान में कानून पारित हुआ कि कोई भी इस नए फीचर वाले आइने को घर में लगाते पाया गया तो उस पर दंड का प्रावधान रहेगा।
आइना अपनी बेबसी पर सिसक रहा है। “आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी मिले न पूरी पावे।”! वाली स्थिति हो गयी, ब्रम्हा जी ऊपर इस नज़ारे को देख कर मुस्करा रहे हैं ,कुछ कह भी रहे हैं ‘चौबे जी चले थे छब्बे जी बनने, दुब्बे जी भी नहीं रहे।‘
रचनाकार –डॉ मुकेश असीमित
स्टेशन रोड गंगापुर सिटी,राजस्थान