हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ!
सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें,
अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ। !!१!!
जादू सा नशा है तेरे हर एक अल्फाज़ में ,
याद बहुत आती है तेरी दिन और रात में !
कल जब देखा था मैने सपना मझली रात में,
तब भी तेरा ही मखमली हाथ था मेरे हाथ में !!2!!
दूरियों की भला यूँ ना परवाह करा कीजिये,
बैचेन दिल जब भी पुकारे हमे बुला लीजिये!
कहीं दूर नहीं हैं हम आपसे बस अपनी, पलकों को हल्के से आपस में मिला लीजिये!3!!
मैं तोड़ लेता अगर तुम महकता गुलाब होती,
मैं जवाब बनता अगर तुम सवाल होती! सभी जानते है की मैं नशा करता नही हूँ,फिर भी पी लेता अगर तुम शराब होती !!4!!
खूबसूरत हैं वो पल जब पलकों में सपने होते हैं,
जब से हुई मोहब्बत हर पल तेरी यादों में खोये रहते हैं!
मुझे नही पता कि मेरी आंखो को तलाश किसकी है,
बस तुम्हे देखते हैं तो नजरें थम सी जाती है!५!
रचनाकार: गोविंद नारायण शर्मा