यह मेरा वह दूसरा,ओच्छा यह व्यवहार l
वसुधैव कुटुबं की भावना,आज दिवस परिवार ll
संयुक्त में ताकत भरी,एकल एकल खार l
संगठन में शक्ति कही,आज दिवस परिवार ll
हिल मिल कर चलती रहें,घर गृहस्थी सरकार l
सामाजिक परिवेश का,आज दिवस परिवार ll
सहयोग समन्वय समर्पण,अनुशासित संस्कार l
स्नेह प्रेम से भरा रहें,आज दिवस परिवार ll
बड़े बुजुर्ग परिवार के,उनका कहना मान l
उनके ही आशीष से,घर आंगन की शान ll
रचनाकार : अनिल कुमार शर्मा