कभी इश्क के खुमार में बन संवर चला करो,
मुजरे में दिल जलाने रक़ीबों का चला करो!
यूँ हर वक्त मदहोशी में बदहवास न रहा करो
औलाद फाके मंद जरा कमा कर लाया करो!
बेवफाई से गमजदा जाम थोडा पीया करो,
इश्क में जान देने की कसमें न खाया करो!
जिन्दगी का सफ़र अभी मुश्किलों भरा हैं,
जख्म भरेंगे वक्त के साथ गम खाया करो!
तुम्हारा हबीब हूँ मुझ पर दिल निस्सार करो,
शब आगोश में बीते गजरा बांध आया करो।