बैशाख शुक्ल की तृतीया,
कहते आखा तीज l
कृषि कार्य शुरुआत हो,
बो ओ धर्म के बीज ll 1
अक्षय अखंड अनादि है,
कभी ना होवे नाश।
नारायण भगवान की,
अक्षय तृतीया खास ।।
मांगलिक फलदायिनी,
हो मंगल सब काज l
ऋषि कृषि की संस्कृति,
हम सबको है नाज ll 3
अक्षय तृतीया दिवस को,
तीन हुए अवतार।
नारायण परशु हयग्रीव,
किया संस्कृति उद्धार।।4
सतयुग त्रेता शुरू हुआ,
उतरी गंगा माई l
कृष्ण सुदामा मेल की,
अक्षय तृतीया आई ll 5
कृषक समुह एकत्र हो,
करते सगुन विचार।
बीज ब्रह्म परमात्मा,
सृष्टि रूप आधार।। 6
रचनाकार @अनिल कुमार शर्मा