किसी भी देश की शिक्षा नीति उस देश की संस्कृति, सभ्यता, इतिहास और राजनीतिक विचारधारा से प्रभावित होती है यह एक कड़वा सच है। पिछले दिनों इंडिया और भारत नाम को लेकर चाहे राजनीतिक गलियारे हो,गांव की चौपाल हो,सोशल मीडिया हो या मीडिया हो हर जगह चर्चा में रहा है। हाल ही में एनसीईआरटी के स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन बाबत गठित की गई एक उच्च स्तरीय समिति ने तहलका मचाने वाली रिपोर्ट दी है।
- उच्च स्तरीय समिति ने यह की सिफारिश
इसके अध्यक्ष द्वारा हाई स्कूल स्तर तक स्कूली पाठ्य पुस्तकों में देश का नाम इंडिया की जगह भारत करने की सिफारिश की है। हालांकि आलेख लिखे जाने तक एनसीईआरटी के द्वारा अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन यह सिफारिश चर्चा के मंच को गर्माहट देने के लिए काफी है।
क्या कहां है समिति ने : समिति के अध्यक्ष सीआई आइजैक ने अपनी सिफारिश में कहा है कि भारत नाम का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है तथा कालिदास ने भी भारत नाम का ही प्रयोग अपनी पुस्तकों में किया है इसके अतिरिक्त सदियों से इस नाम का प्रचलन रहा है जहां तक इंडिया शब्द का सवाल है तो यह तुर्की अफगानी और यूनानियों के आक्रमण और इंडिया शब्द का आमतौर पर इस्तेमाल ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद होना शुरू हुआ था। जिन्होंने सिंधु नदी के आधार पर भारत की पहचान की गई।
ध्यातव : संविधान के अनुच्छेद 1(1) में कहा गया है, “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा”.
इसकी अतिरिक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में वर्तमान में प्रचलित पाठ्यक्रम में हिंदू पराजयों का उल्लेख कम करने का भी सुझाव दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में प्रचलित पाठ्यक्रम में हिंदू पराजय पर ज्यादा जोर दिया जाता रहा है।
- आइजैक समिति यह कब बनाई गई थी ?
एनसीईआरटी द्वारा विभिन्न विषयों पर सलाह देने के लिए गठित की गई 25 समिति में से यह एक समिति है। आइजैक समिति । यह एक सात सदस्य उच्च स्तरीय समिति है … इस समिति का गठन दिसंबर 2021 में एनसीईआरटी के द्वारा किया गया था।अध्यक्ष प्रोफेसर सेवानिवृत्ति आईजैक के साथ अन्य सदस्यों में राघवेंद्र तंवर आईसीएचआर के अध्यक्ष प्रो (से.) वंदना मिश्रा,,जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, वसंत शिंदे, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति,ममता यादव,हरियाणा सरकार की स्कूल में समाजशास्त्र के शिक्षक है।
ध्यातव्य:इस समिति के अध्यक्ष केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के सदस्य हैं जो की कोट्टायम के सीएमएस कॉलेज में इतिहास विषय के पूर्व सदस्य हैं।
- राष्ट्रपति का निमंत्रण पत्र बना चर्चा का विषय
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों भारत में आयोजित की-20 देश के सम्मेलन के दौरान देश की राष्ट्रपति द्वारा दिए गए रात्रि भोज के निमंत्रण में भी प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत शब्द लिखा गया था तभी से यह एक चर्चा का विषय बन गया था।