करीब एक वर्ष से अधिक समय से पूरे देश की जनता कोविड 19/ कोरोना नामक महामारी से त्रस्त हैं। हर किसी की जिंदगी इस महामारी से प्रभावित हुई है ।किसी ने अपने परिजन को खोया है तो किसी ने अपने व्यवसाय को, कोई बेरोजगार हुआ है, तो कोई मजबूर। ऐसे दौर में तमाम सरकारी प्रयासों के यही निष्कर्ष निकला है की 2 गज दूरी मास की जरूरी तथा वैक्सीन ही इसका बचाव और उपचार है । एक तरफ जहां पूरी दुनिया इसकी वैक्सीन बनाने में लगी है और बना भी ली है वही हमारे भारतीय वैज्ञानिकों ने भी वैक्सीन इजात कर ली है।
टीका (VACCINE)क्या है ?
सामान्य अर्थों में देखा जाए तो टीका/ वैक्सीन एक ऐसा द्रव्य है जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है और यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता / इम्यून सिस्टम को बढ़ाती है । जब रोगाणु हमारे शरीर में प्रवेश करते है तो हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम इससे लड़ने के लिए सक्रिय हो जाता है और हमे उनके प्रभाव से बचाने में मदद करती है। इम्यून सिस्टम वायरस, जीवाणु या अन्य सूक्ष्म जीवों जैसे रोगजनक से सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका होता है । यही वैक्सीन रोगाणु से लड़ने के लिये हमारे शरीर की क्षमता को बड़ा देती है।
भारत मे वैक्सीन
भारत में कोविड-19 से बचाव के लिए जो वैक्सीन लगाई जा रही है, उन्हें ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) ने अनुमति दी है.।इनमे – कोविशील्ड, कोवैक्सीन और रूस में विकसित की गई वैक्सीन स्पुतनिक V. है । कोविशील्ड जहां ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका का ही रूप है वही दूसरी ओर कोवैक्सीन पूरी तरह भारत की अपनी वैक्सीन है जिसे ‘स्वदेशी वैक्सीन’ भी कहा जाता है। कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर बनाया है।
वैक्सीन लगवाना पूरी तरह सुरक्षित है।
भारतीय वैक्सीन पर शुरुआत में कुछ लोगो ने उंगलिया उठाई थी लेकिन ये पूर्णतया सुरक्षित है। भारत सरकार और विभिन्न संघठनों ने भी इसे पूर्णतया सुरक्षित बताया है ।कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों ही के बारे में बताया जाता है कि ये दोनों ही वैक्सीन का प्रभाव काफी अच्छा बताया गया है और ये दोनों ही वैक्सीन WHO के स्टैंडर्ड को पूरा करती हैं ।अमेरिका के व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइज एंथॉनी फाउची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कोवैक्सीन B.1.617 वेरिएंट यानी भारत के डबल म्यूटेंट वेरिएंट को निष्प्रभावी करने में सक्षम है। वैक्सीन से मौत होने की बात पर संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉ रवि गोडसे ने न्यूज़ 24 के साक्षात्कार में कहा था कि फैक्सीन लेने से किसी की मौत नहीं होती कोरोना से जरूर हो जाती है।
वैक्सीन के फायदे
रोगाणु/ जीवाणु से लड़ने में कभी-कभी इम्यून सिस्टम स्वाभाविक रूप से इतना मजबूत नहीं होता है कि रोगाणु को खत्म कर शरीर को बीमारी से बचा सके, लेकिन वैक्सीनहमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का एक कारगर तरीका है । कुछ समय पहले बच्चों में खसरा, पोलियो, चेचक और डिप्थीरिया ,और बड़ो में भी टी. बी. जैसी अनेक घातक बीमारियों का प्रभाव था । लोग आसानी से इनके शिकार हो जाते थे. लेकिन आज के दौर में वैक्सीन ने अब इन खतरों को दूर कर दिया है।आज के इस कोविड के दौर में वैक्सीन अपने आपको संक्रमण से बचाने के लिये वैक्सीन एक जरूरत और अनिवार्यता बन गई है ।
वैक्सीन लगवाने के सबसे बड़े फायदा यह है जैसे कि 1 वैक्सीन लगवाने पर आपके वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है क्योंकि वैक्सीन से आपके शरीर की रोक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।2 संक्रमित हो जाने पर आपका शरीर उस वायरस /बीमारी से लड़ने के पूर्णतया सक्षम होता है।3 आप संक्रमित हो गए हैं और अपने वैक्सीन लगवाई हुई है तो मृत्यु की संभावना कम हो जाती हैं ।
भारत मे टीकाकरण
सरकार की पूरी कोशिश है कि हर व्यक्ति को यह वैक्सीन लगे । सरकार ने वैक्सीन के प्रति जनता में जागरूकता के लिये अभियान चलाये ।मीडिया, सोशल मीडिया, समाचार पत्रों के माध्यम से आम जनता तक अपनी बात पहुंचाई और टीकाकरण का एक अभियान शुरू किया। इसके लिए पूरी सरकारी मशीनरी सक्रिय है चिकित्सा कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, दूसरे कई विभागों के सरकारी कर्मचारी, तथा स्थानीय प्रशासन इस अभियान में लगा हुआ है। घर-घर जाकर टीकाकरण के आंकड़े एकत्रित करना,टीकाकरण के लिये जागरूक करना जैसे कार्य कर रहे है।
टीकाकरण का प्रथम चरण
भारत मे टीकाकरण अभियान के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से शुरू हुई थी जिसमें हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दी गई.।
टीकाकरण का दूसरा चरण
भारत मे टीकाकरण का दूसरा चरण 01 मार्च, 2021 से शुरू हुआ जिनमे 45 साल से अधिक आयु के लोगों को इसमें शामिल किया गया.
टीकाकरण का तीसरा चरण
देश के युवाओं तक इसकी पहुंच बनाने के लिए एक मई 2021से शुरू हुए कोविड टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को इसमें शामिल किया गया है.। आपको ज्ञात हो कि कोविड की दूसरी लहर में युवा वर्ग ही अधिक प्रभावित हुआ है ।
मामूली साइड इफेक्ट पर डरे नही
किसी भी प्रकार की दवाई हो इंजेक्शन हो तो उसके कुछ साइड इफेक्ट होना स्वाभाविक है। कुछ लोगो को किसी विशेष तत्व, साल्ट, किसी चीज से एलर्जी हो सकती है वह दवाई रियेक्शन कर सकती है। वैक्सीन लगने के बाद भी कुछ साइड-इफेक्ट का अनुभव होना स्वाभाविक है हो सकता है कुछ लोगो को यह रिएक्शन करे इसलिये टीकाकरण के बाद थोड़ी देर वैक्सीन सेंटर पर ही रेस्ट करने को बोला जाता है ।
वैक्सीन लगवाने के बाद हल्के लक्षणो से घबराने की जरूरत नही है । इसका मतलब तो यह होता है कि आपका इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने के लिए तैयार हो रहा है।
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि आमतौर पर सभी वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स होते हैं और ये सभी सेहत के लिए बुरे नहीं हैं। वैक्सीन लगने पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बन रहे स्पाइक प्रोटीन की पहचान एक ख़तरे के तौर पर कर लेती है और इनसे लड़ने के लिए शुरू हो जाती हैं। शरीर में प्राकृतिक प्रतिक्रिया शूरू होने की वजह से व्यक्ति को साइ-इफेक्ट्स अनुभव होते हैं, इसलिए इनसे ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।
वैक्सीन लगने के कुछ घंटों बाद या फिर अगले दिन आपको बुखार हो सकता है, हालांकि इससे परेशान न हों और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा से इसका इलाज हो जाता हैं। ये बुखार अगले दिन तक ठीक हो जाता है। इसके अतिरिक्त बदन दर्द ,सिर दर्द, थकान, शरीर मे हरारत जैसे मामूली लक्षण हो सकते है । इन साधारण लक्षणों या छोटे-मोटे बदलाव से न तो चिंतित होने की आवश्यकता है और नहीं विचलित होने की जरूरत है।
कोरोना वैक्सीन के बारे मे भ्रांतिया –
संकट के इस दौर में जब बचाव और वैक्सीन ही इसका उपचार है तब सरकार की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द अधिक से अधिक टीकाकरण का काम पूरा हो और कोई भी व्यक्ति इससे वंचित नही रहे ।
केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें अखबारों में ,सोशल मीडिया, टी वी और दूसरे संचार के साधनों के माध्यम से बार बार विज्ञापन दे रही है जनता को वैक्सीन के प्रति जागरूक कर रही है लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि कुछ लोग समझने को तैयार ही नही है । अफवाहों का दौर लोग के बीच तेजी से फैल रहा है । शहरों और विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रो में वैक्सीन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं लेकिन आपसे ये अपील है कि आप किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नही दे और किसी भी प्रकार की भ्रांतियों में नही आये।
कुछ इस प्रकार की है अफवाहे और भ्रांतियां
* वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स हो सकत्व है, वैक्सीन नुकसान करती है ।
• वैक्सीन लगवाने से मृत्यु हो जाती है।
• वैक्सीन लगवाने से बुखार हो जाता है ।
• अविवाहित लोगों को वैक्सीन नहीं लगवाना चाहिये, इससे बांझपन के शिकार हो जाते हैं।
• वैक्सीन जनसंख्या नियंत्रित करने का एक षडयंत्र है। कोरोना जैसी कोई बीमारी ही नही है।
• डायबिटीज होने पर वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए वरना यह शरीर पर बुरा प्रभाव डालेगी।
• वैक्सीन लगवाने से मानसिक रोग हो सकता है।
• शराब, सिगरेट के शौकीन लोगों को वैक्सीन नही
* शराब का सेवन करने वालो को वैक्सीन लगवाने की कोई जरूरत नही है।
* शराब, सिगरेट के शौकीन लोगों को वैक्सीन नही लगवानी चाहिये क्योंकि इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाएगा.।
* जिन लोगो को श्वसन तंत्र से संबंधित कोई बीमारी है जैसे निमोनिया, दमा आदि है उनको वैक्सीन नही लगवानी चाहिए क्योंकि इससे मौत हो जाएगी।
*कोविड से ठीक हो जाने के बाद टीके की जरुरत ही नहीं होती।
• सरकार और वैज्ञानिकों ने जल्दबाजी में कोविड वैक्सीन का पूरी तरह से ट्रायल नहीं किया गया है।इसलिये यह सुरक्षित नही है।
• कोरोना वैक्सीन जनसंख्या वृद्धि रोकने की साजिश है।
• भ्रांति यह भी है कि महिलाओं को मासिक धर्म के समय टीका नहीं लगवाना चाहिए क्योकि इससे उनको परेशानी आ सकती है।
* कुछ लोगों को भारतीय वैक्सीन पर विश्वास नहीं है इसे शंका की दृष्टि से देखते है ।
* वैक्सीन लगाने से कोरोना ही जाता है ।
इनके अतिरिक्त लोगों मे न जाने कितनी और भ्रांतियां लोगों ने फैला रखी है । यह सब केवल भ्रांति के अलावा कुछ नहीं है । इस प्रकार की भ्रांतियों में सच्चाई नहीं के बराबर है तथा समाज मे फैली इन भ्रांतियों का कोई भी वैज्ञानिक आधार भी नहीं है । यह सब सुनी—सुनाई बातें हैं जो सोशल मीडिया के माध्यम से या मौखिक रूप से एक दूसरे तक और गांव—गांव तक फैल रही हैं। किस प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देकर सरकार के टीकाकरण अभियान मैं सहभागी बने क्योंकि यह वैक्सीन ही हमें व हमारे समाज को, हमारे देश को कोरोना जैसी महामारी से सुरक्षित रख सकती है ।
टीकाकरण की अनिवार्यता हो
देश हित में,समाज हित में, आम जनहित में अगर वैक्सीन लगवाना अनिवार्य किया जाने की आवश्यकता पड़े तो इसे भी किया जाना चाहिए । विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं के लाभार्थी को जैसे पेंशन लेने वालों, छात्रवृति लेने वाले लाभार्थी, नरेगा मजदूरों, प्रधानमंत्री आवास योजना, श्रमिक कार्ड धारक, खाद्य सुरक्षा के तहत लाभ लेने वालों, ट्रेन, बस, हवाई यात्रा करने वालो, स्कूल, कॉलेज में प्रवेश लेने वालों, प्रतियोगिता परीक्षा में आवेदन करने वालो,बीमा करवाने वालो ,लोन लेने वालों, उचित मूल्य की दुकानों से सामग्री लेने वालों, विभिन्न सरकारी डाक्यूमेंट्स बनवाने में तथा तमाम योजनाओं का फायदा लेने वालों को इसके साथ जोड़ देना चाहये , वैक्सीन लगवाने के अपडेट्सन हर आधार कार्ड के साथ होना जरूरी किया जाए ।
- आधार कार्ड ,जन आधार कार्ड या सरकारी योजनाओं को इसके साथ जोड़ा जाना चाहिये साथ ही इसके लिए जागरूकता अभियान को गांव गांव तक पहुँचाना जरूरी है।
- ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीन को लेकर ज्यादा भ्रांतियां है उनको दूर करने तथा वैक्सीन लगवाने के लिए और जन जागरूकता में स्थानीय प्रशासन अहम भूमिका निभा सकता है।।
Hello
बहुत ही सटीक और उत्तम जानकारी दी आपने ।