(सोशल मीडिया दिवस 30 जून)
आज हर जेब मे एंड्राइड /स्मार्ट मोबाइल और मोबाइल के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ाव । जहा देखो हर कोई मोबाइल पर अपनी अंगुलिया चलाता हुआ अपनी ही मस्ती में व्यस्त नजर आता है । सोशल मीडिया मानो व्यक्ति के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा सा बन गया हो। क्या बच्चे, क्या युवा, क्या किशोर, क्या स्त्री और क्या पुरुष हर कोई फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यु ट्यूब, टिक -टोक और ऐसे ही न जाने कितने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने आप को सक्रिय रखते है । हर कोई सोशल मीडिया शब्द से परिचित है हर किसी का इससे जुड़ाव है । हर किसी के जीवन और दिनचर्या को प्रभावित किया है । अब सवाल यह उठता है कि सोशल मीडिया होता क्या है ?
सोशल मीडिया क्या है ?
आज के भौतिकवादी और तकनीकी युग में हर कोई सोशल मीडिया शब्द से परिचित है साथ ही यह एक यूनिवर्सल शब्द बन गया है । सामान्यतः सोशल मीडिया से तात्पर्य इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, मैसेंजर, यु ट्यूब, टिक -टोक और स्नैपचेट ,जैसे एप्स,और वेबसाइटो का ऐसा समूह/मकड़जाल या प्लेटफॉर्म जिसके द्वारा व्यक्ति अपने विचार अभिव्यक्त कर ,फ़ोटो, खबर, वीडियो ,गाना ,सूचना,आदि शेयर कर हर एक व्यक्ति एक दूसरे व्यक्ति और समाज ,देश दुनिया से जुड़ने का प्रयास करता है सोशल मीडिया कहलाता है ।पिछले कुछ वर्षो में सोशल मीडिया के उपयोग में अपेक्षा से भी अधिक वृद्धि हुई है जिसने देश- दुनिया के करोडो लोगो को एक साथ जोड़ लिया है।
कब मनाया जाता है ? सोशल मीडिया दिवस
सोशल मीडिया आज यूनिवर्सल शब्द और लोगो को एक दूसरे से जोड़ने और विचार अभिव्यक्ति का यूनिवर्सल प्लेटफॉर्म बन गया है लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि सोशल मीडिया दिवस कब मनाते है और ये कब से मनाया जा रहा है बहुत कम लोग इससे परिचित है। आइये जानते है इस बारे में …..प्रति वर्ष जून माह के अंतिम दिन यानी कि 30 जून को सोशल मीडिया दिवस के रूप में मनाया जाता है । सन 2010 से इसके मनाने की शुरुआत हुई थी । दरअसल जानी- मानी सोशल मीडिया कंपनी ‘मैशेबल’ की पहल पर 30 जून को ‘सोशल मीडिया दिवस’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी ।सोशल मीडिया और बदलता परिवेश सोशल मीडिया ने आज के इस दौर में समाज के हर वर्ग को,समाज के हर पहलु और संदर्भ को चाहे वह सामाजिक संदर्भ हो, राजनीतिक हो, आर्थिक, सांस्कृतिक हो या फिर शैक्षणिक संदर्भ हो सभी को प्रभावित किया है और इनमें बड़े बदलाव देखे गये है । देश दुनिया दुनिया को एक दूसरे को के नजदीक लाने में सफल हुआ है जैसे (1) राजनीतिक क्षेत्र में सोशल मीडिया का उपयोग नेताओं ने प्रसिद्धि प्राप्त करने ,लोगों से जुड़ाव रखने, आम जनता तक सरकार और नेताओं की सहज पहुंच, नेताओं व जनता के बीच संवाद या फिर सरकार के द्वारा किए गए कार्यों और नीति निर्माण को आम जनता तक पहुंचाने में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी ने राजनीतिक क्षेत्र में सोशल मीडिया के माध्यम से एक नवीन सोच ,एक नवीन क्रांति पैदा कर दी ।(2) आर्थिक क्षेत्र में भी बड़े क्रांतिकारी परिवर्तन देखे जा रहे हैं आर्थिक रूप से सूचनाओं का आदान प्रदान, व्यापार, आयात निर्यात सभी की सूचना , सोशल मीडिया के माध्यम से पलभर में ही स्थानांतरित की जा सकती है जिसका उपयोग लोगों ने बखूबी किया ।(3) सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में सोशल मीडिया ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।सांस्कृतिक मूल्यों का संक्रमण काल सांस्कृतिक मूल्यों के आदान प्रदान ने सकारात्मक के साथ नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं का अन्त जरूर हुआ है ।(4) सामाजिक क्षेत्र में भी सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण बदलाव की बहार ही ला दी है । सोशल मीडिया पर जाने अनजाने में हजारों सैकड़ों की संख्या में लोगों से संपर्क होता है ,अपने विचारों का आदान प्रदान किया जा सकता है लोगों को एक-दूसरे के नजदीक लाने में सफल रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ इसका नुकसान भी है इस सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक क्षेत्र में नकारात्मक प्रभाव भी देखे गए हैं ।(5) सोशल मीडिया विचार अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है लेकिन विचार अभिव्यक्ति का यही माध्यम कई बार समाज के लिए नासूर साबित होता है सोशल मीडिया पर अफवाह के माध्यम से समाज का माहौल खराब करने में दुरुपयोग हुआ है ।(6) शैक्षणिक संदर्भ में शिक्षा का एक सकारात्मक माध्यम सोशल मीडिया बना है विशेषत लॉक डाउन के काल में जब स्कूल कोचिंग कॉलेज सब बंद है लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से समय का उपयोग करते हुए ज्ञान का प्रचार प्रसार किया ,ज्ञान ग्रहण किया अपने अध्ययन को जारी रखा ।
सुरक्षा की कीमत पर कैसी स्वतंत्रता
निश्चित रूप से विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आमदनी का एक मौलिक अधिकार है और सोशल मीडिया भी उसका एक हिस्सा है और सोशल मीडिया ने एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया है लेकिन कई बार इसका उपयोग समाज में सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाने में किया गया समाज में कई ऐसी घटनाएं हैं हुई है जिनमें सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है । निश्चित रूप से यह सोशल मीडिया एक उपयोगी संसाधन आज के दौर में है लेकिन जब यही संसाधन लोगों पर नशा बनकर बोलने लगे तो लाभ की जगह, उपयोगिता की जगह नुकसानदेह साबित होने लगता है ,जब यह सर चढ़कर बोलने लगता है तो एक मानसिक बीमारी का रूप ले लेता है साथ ही सोशल मीडिया आज व्यक्ति समाज और देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा साबित हो सकता है इसी को मद्देनजर रखते हुए वर्तमान मोदी सरकार के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सरोकार, सामाजिक समरसता को बनाए रखने के लिए टिकटोक सहित 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है जो कि स्वागत योग्य कदम कहा जा सकता है ।बच्चे और सोशल मीडिया सोशल मीडिया के एप्स जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक ,टिकटोक और अन्य ऐसे ऐसे विशेषकर बच्चों पर अत्याधिक प्रभाव डालते है उन्हें इनसे दूर रखा जाना ही उपयोगी होगा। कुछ इन विशेष बातों पर ध्यान देकर सुधार की जरूरी है (1).बच्चे सोशल मीडिया से अत्यधिक प्रभावित हैं पढ़ाई को दिया जाने वाला समय पर वह सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं शैक्षणिक स्तर गिरने की संभावना रहती है । (2) बच्चे तो बच्चे होते हैं सोशल मीडिया पर अत्यधिक सक्रिय रहने के कारण कई बार वह साइबर क्राइम की चपेट में आ जाते हैं क्योंकि उनको इस चीज का ज्ञान और आभास नहीं होता है इसलिए उन को जागरूक किया जाना आवश्यक है। (3) बच्चे अपना वक्त सोशल मीडिया पर जब अत्यधिक व्यतीत करने लगते हैं तो जाने अनजाने में ऐसे लोगों के साथ में आ जाते हैं इस समाज और देश की सुरक्षा के लिए खतरा होते हैं वह सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे बच्चों से संपर्क कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से भटका देतें ।(4) स्कूली पाठ्यक्रम में साइबर क्राइम से जुड़ी हुई जानकारियों को शामिल कर बच्चों को अपने भविष्य के प्रति जागरूक किया जा सकता है ।(5) विद्यालय परिवार का भी बच्चों पर प्रभाव पड़ता है उनका भी यह दायित्व बनता है कि आज के समय में साइबर क्राइम से संबंधित जानकारियां बच्चों को उपलब्ध कराएं ,बच्चों पर दुष्प्रभाव डालने वाले कार्यक्रमो, साइट, ओर ऐप्प से दूरी बनाई रखे जाने को प्रेरित करे। विभिन्न कार्यक्रमों, लेखन प्रतियोगिताओं, सेमिनार के माध्यम से जगरूक और सचेत रहने के लिए प्रेरित किया जाए ।(6) बच्चों को अपने व्यक्तित्व के विकास में किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए उन्हें बताये की सोशल मीडिया से जुड़े कुछ अनावश्यक ऐप्प ऒर साइड उनके भविष्य निर्माण और चरित्र निर्माण में बाधक बन सकते है । इस सम्बन्ध में भी विधालय परिवार बच्चों में जागरूकता पैदा करे ।
उचित प्रतिबंध जरूरीसोशल मीडिया के अपने दुष्प्रभाव भी है लोगों ने इसका उपयोग कई बार समाज में सामाजिक समरसता को अपनों के माध्यम से बिगाड़ने में किया, सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति की प्राइवेसी खत्म हुई है। सोशल मीडिया को भी माध्यम बनाकर लोगों से ठगी के मामले सामने आते हैं मैं केवल व्यक्ति की प्राइवेसी, देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा हो जाता और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है इसलिए सोशल मीडिया पर सरकार का लगाम लगाया जाना आज के दौर में आवश्यकता महसूस की जाती है । विदेशी सोशल मीडिया एप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुये प्रतिबंधित किया जाकर स्वदेशी सोशल मीडिया एप्स डिवेलप किया जाना चाहिए ताकि विदेशी निर्भरता को कम किया जा सके सोशल मीडिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी आत्म निर्भरता को बढ़ावा दिया जा सके ।साइबर क्राइम से संबंधित जागरूकता युवाओं में पैदा की जानी चाहिए इसके लिए साइबर अपराध और साइबर कानून का प्रचार प्रसार सोशल मीडिया पर ही आवश्यक है।
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