संविधान लागू होने के पश्चात राजस्थान विधानसभा के 1952 के प्रथम आम चुनाव से लेकर वर्तमान 15 वी विधानसभा के चुनाव होने तक कभी कांग्रेस पार्टी की तो कभी भारतीय जनता पार्टी की तो कभी जनता दल की सरकार बनी । सरकार के गठन के साथ-साथ विधानसभा के सदस्यों द्वारा चयनित/निर्वचित विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा का नेतृत्व करता है।C
- कौन होता है विधानसभा का अध्यक्ष
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 178 के अनुसार विधानसभा का अध्यक्ष व एक उपाध्यक्ष होता है , जिसका निर्वाचन/चयन विधानसभा के सदस्य अपने में से ही बहुमत के आधार पर करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष, अध्यक्ष पद की शपथ नहीं लेते हैं बल्कि वह एक सदस्य के रूप में ही शपथ लेते हैं।
- राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष और विधानसभा का कार्यकाल
आइए जानते हैं राजस्थान की प्रथम विधानसभा से लेकर वर्तमान पंद्रहवीं विधानसभा तक के अध्यक्ष के बारे में।
- प्रथम विधानसभा का अध्यक्ष
राजस्थान की इस पहली विधानसभा में झुंझुनू निवासी नरोत्तम लाल जोशी विधानसभा अध्यक्ष थे । इसके अतिरिक्त इस विधानसभा में पहले उपाध्यक्ष श्री लाल सिंह शक्तावत थे।राजस्थान में प्रथम विधानसभा के लिए 4 जनवरी से 24 जनवरी 1952 तक आम चुनाव हुए और जिसका गठन 29 मार्च 1952 को हुआ था। इस पहली विधानसभा का कार्यकाल 29 मार्च 1952 से लेकर 23 मार्च 1957 तक रहा।
- दूसरी विधानसभा का अध्यक्ष
राजस्थान की दूसरी विधानसभा के अध्यक्ष कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामनिवास मिर्धा थे। 24 अप्रेल 1957 को गठित होने वाली राजस्थान की दूसरी विधानसभा के लिए अप्रैल 1957 में आम चुनाव हुए थे । इस विधानसभा का कार्यकाल 24 अप्रैल 1957 से लेकर 01 मार्च 1962 तक रहा।
- तीसरी विधानसभा के अध्यक्ष
3 मार्च 1962 को गठित राजस्थान की तीसरी विधानसभा जिसका कार्यकाल 3 मार्च 1962 से 28 फरवरी 1967 तक रहा । इस विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास मिर्धा थे। ज्ञात हो कि यह इससे पूर्व दूसरी विधानसभा में भी अध्यक्ष थे। यह उनका दूसरा कार्यकाल था । इसके अतिरिक्त तीसरी विधानसभा में ही श्री नारायण सिंह मसौदा को उपाध्यक्ष बनाया गया था।
- चतुर्थ विधानसभा के अध्यक्ष
राजस्थान की चतुर्थ विधानसभा के अध्यक्ष श्री निरंजन नाथ आचार्य थे और 1 मार्च 1967 को गठित राजस्थान की चतुर्थ विधानसभा का कार्यकाल 1 मार्च 1967 से लेकर 15 मार्च 1972 तक का था।
- पांचवीं विधानसभा के अध्यक्ष
राजस्थान की पांचवीं विधानसभा अध्यक्ष के पद पर श्री राम किशोर व्यास का निर्वाचन/ चयन हुआ था और इस विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च 1972 से लेकर 30 अप्रैल 1977 तक रहा ।
- छठी विधानसभा अध्यक्ष
22 जून 1977 से लेकर 17 फरवरी 1980 तक के कार्यकाल वाली राजस्थान की छठी विधानसभा के पूरे कार्यकाल में दो अध्यक्ष अलग सदस्य अलग-अलग कार्यकाल के लिए अध्यक्ष पद पर रहे । जिनमें 22 जून 1977 से लेकर 24 सितंबर 1979 तक श्री लक्ष्मण सिंह तथा इसके पश्चात जून 1980 से लेकर कार्यकाल की समाप्ति तक श्री गोपाल सिंह विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके अध्यक्ष रहे ।इसके अतिरिक्त श्री राम सिंह यादव इस विधानसभा में उपाध्यक्ष पद पर रहे।
- सातवी विधानसभा के अध्यक्ष
इस विधानसभा में श्री पूनमचंद विश्नोई ने विधानसभा अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया। ज्ञात रहे कि इस विधानसभा का कार्यकाल 6 जून 1980 से लेकर 9 मार्च 1985 तक रहा।
- आठवीं विधानसभा के अध्यक्ष
9 मार्च 1985 को गठितराजस्थान की आठवीं विधानसभा के पूरे कार्यकाल के दौरान विधानसभा के दो अलग – अलग सदस्यों ने अलग -अलग कार्यकाल के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया । सर्वप्रथम 20 मार्च 1985 से लेकर 16 अक्टूबर 1985 तक श्री हीरालाल देवपुरा और इसके पश्चात 31 जनवरी 1986 से लेकर 15 मार्च 1990 तक गिरिराज प्रसाद तिवारी इस विधानसभा के अध्यक्ष रहे।
- नवीं विधानसभा के अध्यक्ष
भाजपा के नेतृत्व में जनता दल के सहयोग से बहुमत प्राप्त इस नवी विधानसभा के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री हरिशंकर भाभड़ा थे। इस नवीं विधानसभा का कार्यकाल 2 मार्च 1990 से लेकर 15 दिसंबर 1992 तक रहा था। इसमें किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं हुआ और भारतीय जनता पार्टी ने जनता दल के सहयोग से राज्य में दूसरी बार गैर कांग्रेसी सरकार बनाई थी।
- दसवीं विधानसभा के अध्यक्ष
राजस्थान में दसवीं विधानसभा में भी दो अलग-अलग विधानसभा सदस्य अलग-अलग कार्यकाल के लिए विधानसभा अध्यक्ष पद पर रहे। इस विधानसभा का कार्यकाल 4 दिसंबर 1993 से लेकर 30 नवंबर 1998 तक था। दो अलग-अलग अध्यक्ष में 30 सितंबर 1993 से लेकर 6 अक्टूबर 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री हरि शंकर भावना तथा उसके पश्चात 7 अप्रैल 1995 से लेकर 30 नवंबर 1998 तक श्री शांतिलाल चपलोत ने विधानसभा अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया था।
- ग्यारहवीं विधानसभा अध्यक्ष
इस विधानसभा के अध्यक्ष श्री परसराम मदेरणा थे। इस 11 वीं विधानसभा जिसका कार्यकाल 1 दिसंबर 1998 से लेकर 5 दिसंबर 2003 तक रहा । इसकी पहली बैठक 4 जनवरी 1999 को हुई ।
- बारहवीं विधानसभा अध्यक्ष
बारहवीं विधानसभा वह पहली विधानसभा थी जिसकी अध्यक्ष कोई महिला बनी हो । ज्ञात हो कि राजस्थान विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा सिंह थी । इसके अतिरिक्त राजस्थान में विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने वाली इस 12 वीं विधानसभा का कार्यकाल 6 दिसंबर 2003 से लेकर 10 दिसंबर 2008 तक रहा और 15 जनवरी 2004 को इस विधान सभा की पहली बैठक आयोजित हुई थी ।
- तेरहवीं विधानसभा अध्यक्ष
200 सदस्यों वाली राजस्थान की इस तेरहवीं विधानसभा के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत रहे।इस विधानसभा का कार्यकाल 11 दिसंबर 2008 से लेकर 10 दिसंबर 2013 तक रहा। इसके गठन के पश्चात 01 जनवरी 2009 को इसकी पहली बैठक आयोजित हुई थी ।
- चौदहवी विधानसभा अध्यक्ष
चौदहवी विधानसभा वह पहली विधानसभा है जिसका अध्यक्ष एक दलित व्यक्ति बना हो । ज्ञात हो कि कैलाश मेघवाल राजस्थान विधानसभा के प्रथम दलित अध्यक्ष थे । 11 दिसंबर 2013 से लेकर 16 दिसंबर 2018 तक के कार्यकाल वाली राजस्थान की 14 वीं विधानसभा की पहली बैठक 21 जनवरी 2014 को आयोजित हुई थी ।
- पंद्रहवीं विधानसभा अध्यक्ष
7 दिसंबर 2018 को हुए 15 वी विधानसभा के निर्वाचन में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला और इस चुनाव में दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी रही । कांग्रेस बहुमत प्राप्त इस विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी थे
- इस विधानसभा में रहे एक से अधिक विधानसभा अध्यक्ष
राजस्थान की वह विधानसभा जिसमें एक से अधिक सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया । जिनमें सर्वप्रथम छठवीं विधानसभा में महारावल लक्ष्मण सिंह और श्री गोपाल सिंह दोनों अलग-अलग कार्यकाल के लिए विधानसभा अध्यक्ष रहे। इसके अतिरिक्त आठवीं विधानसभा जिसमें श्री हीरालाल देवपुरा और गिरिराज तिवारी अलग-अलग कार्यकाल के लिए विधानसभा का अध्यक्ष रहे और दसवीं विधानसभा में श्री हरिशंकर भाभड़ा और शांतिलाल चपलोत 2 सदस्य अलग-अलग कार्यकाल के लिए विधानसभा अध्यक्ष रहे।
- राजस्थान विधानसभा की एकमात्र महिला अध्यक्ष
स्वतंत्रता के पश्चात राजस्थान विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा सिंह बनी। ज्ञात हो कि यह राजस्थान की बारहवी विधानसभा में यह अध्यक्ष रही।