काव्य: रंग बिरंगी होली आयी,
रंग बिरंगी होली आयी,गोरी सतरंगी बनठन आयीगुब्बारे में प्रेमरंग भरके लायीमस्तानो की टोली आयी, क़ातिल निगाहे गजब डाहे,गोरी रंग मलती बाहँ उठायेभीगी चुनरी चोली खेलो होली नैन नशीले बदन गठीला,पिया…
(M.A. B.ED, NET, SET, Ph.d, LL.B)
रंग बिरंगी होली आयी,गोरी सतरंगी बनठन आयीगुब्बारे में प्रेमरंग भरके लायीमस्तानो की टोली आयी, क़ातिल निगाहे गजब डाहे,गोरी रंग मलती बाहँ उठायेभीगी चुनरी चोली खेलो होली नैन नशीले बदन गठीला,पिया…
चाहत दिलों में हो तो झलकती जरुर है!!खिलती है जब कली तो महकती जरुर है!! रखिये हज़ार बंदिशें अमानत को इश्क की,लेकिन ये अश्क बन के छलकती जरुर है !…
You cannot copy content of this page