काव्य : शब्द व्योम !!(गोविन्द नारायण शर्मा)
शब्द ब्रह्म हूँ अजर अमर स्फोट अविनाशी ,परा पश्यंती मध्यमा बेख़री व्योम का वासी! बादलो की गरजन वेणु की मधुर धुन में हूँ ,तबले की थाप में गायक की हर…
(M.A. B.ED, NET, SET, Ph.d, LL.B)
शब्द ब्रह्म हूँ अजर अमर स्फोट अविनाशी ,परा पश्यंती मध्यमा बेख़री व्योम का वासी! बादलो की गरजन वेणु की मधुर धुन में हूँ ,तबले की थाप में गायक की हर…
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